Page 28 - 2nd Edition E-Patrika
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7. ान एव कौशल सग्रह प्रस्तुित
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े म े रे अंतम न का द रया....
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मर अतम न का द रया....
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मेरे अतम न का द रया
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उसक े नयना से छलका होगा,
जसे मेरे सपने टूटे,
ै
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जसे मेरे अपने छूटे,
हर गली-मोड-चौराहे पर
जसे प र चत चेहरे छूटे,
ै
क्या उसक े अपना का
हाथ कह छूटा होगा,
साथ कभी छूटा होगा
ं
गेरे अतम न का द रया
उसक े नयना से छलका होगा
मने सावन क े मौसम म
पतझड़ का गजब नजारा देखा
मने बन पानी मेघो को
नयना सा झरते देखा
जो ज़हर जुदाइ का मने पीया
ं
ँ
जो घूट सबर का मने घूटा ह ै
क्या उसने भी प्याला वष का
हसकर कोइ पया होगा
ँ
ं
मेरे अतम न का द रया
उसक े नयना से छलका होगा
िवकास कसाना (डाक सहा.)
नई िदल्ली क े न् ीय मण्डल
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