Page 30 - 2nd Edition E-Patrika
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7. ान एव कौशल सग्रह प्रस्तुित
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पीट सी एवं सा थयों को सम प त आलख...
पीट सी एवं सा थयों को सम प त आलख...
“ ब ू का डेरा पीठ पर”
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सा थया वसे तो यह एक कहावत ह जो बुदेलखड म बहुत प्रच लत ह कन्तु वत मान प रवेश म नर क्षक सवग
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क े कम चा रया पर उपयुक्त बठती ह जसका अथ ह कभी भी और कही भी जाने को तयार रहना, हम सभी गत
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वष से इसी कहावत क े अनुरूप काय कर रह थे, फर 24.02.25 से समय आता ह अपनी वेतरतीब जीवन शली
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को थोड़ा वराम देने का और डाक प्र शक्षण क द्र, वड़ोदरा आने का अपने तीन माह क े प्रार भक प्र शक्षण हेतु, बच
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A क े रूप म व भन्न राज्या से 25 वभागीय प्र श नर क्षक आते ह एक दूसरे से पूण तः अप र चत या अल्प
प र चत, सा थया हम सभी अपने कत व्य काल म कभी न कभी पहले भी इस व शष्ट प्र शक्षण सस्थान का
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हस्सा बन चुक े ह कतु यह प्र शक्षण समय हम सभी क े जीवन काल म अलग महत्व रखता ह जसे प रभा षत
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करने क जरूरत म यहा नह समझता।
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प्रथम दवस मुझे अभी भी याद ह जब सभी साथी औपचा रक पोशाक म कक्ष क्र 7 म बठ े थे, और फर
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कक्ष म प्रवेश करते ह उप नदेशक ी वासदानी सर, सहायक नदेशक ी पा ा सर एव ी मकवाना सर,एक
शष्टाचार भ ट प रचय क े बाद हमार प्र शक्षण यात्रा शुरू होती ह कक्षा समन्वयक क े रूप म नयुक्त होते ह ी
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पा ा सर।
एक नर क्षक क े रूप म हम सभी काय तो बना कसी प्र शक्षण क े रूप म काय कर ही रह थे अपने आधे
अधूरे ान क े साथ फर इस उत्क ृ ष्ट प्र शक्षण क द्र क े प्र शक्षका ारा नयमा को व्याख्यान एव प्रायो गक कक्षाआ
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क े माध्यम से समझाया।
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अब बात करता मेरे समस्त प्यारे सा थया क व्य क्तगत रूप से सभी क े बारे म लखना चाहता ले कन
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त्रु टवश कसी का उल्लेख न हो पाया इस लए यहा म आप सभी को इद्रधनुष कह रहा , सात रगा क भा त हर
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मत्र एक अलग रग समेटे नजर आया कोइ लाल (लाल) - ऊजा , जुनून और श क्त का प्रतीक. नारगी -
रचनात्मकता, उत्साह और आत्म व ास का प्रतीक. पीला - खुशी, आशावाद और ान का प्रतीक. हरा -
वकास, स ाव, और प्रक ृ त का प्रतीक. नीला - शा त, स्थरता और अत ा न का प्रतीक. इ डगो - अत ा न,
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आध्या त्मक ान और प रवत न का प्रतीक. बगनी - वला सता, श क्त और महत्वाकाक्षा का प्रतीक।
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इस प्र शक्षण क े पड़ाव म एक इ तहा सक स्थान भम ण यात्रा जो क सोमनाथ, गर, दउ कला क े लये
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थी उसका वृ ात मेरे दृ ष्टकोण से सुनाता , रा त्र भर जागते हुये आधे साथी वातानुक ू लत क े बन को छोड़ कर
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बस क े अगले हस्से म नाचते हुये चले, सोमनाथ दश न क े बाद जगल रसोट म व ाम आम क े बगीचे म बच्चा
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क भा त एक आम को कइ हस्सा म बाटना या बच्चा क े ूले देख बच्चे बन जाना क े वल आप सभी मत्रा क े
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साथ ही सभव ह।
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हमार इन्ही अठखे लया को देखकर हमारे कक्षा समन्वयक ी मकवाना सर, ी देसाइ सर, उप नदेशक ी
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वासदानी सर अपने अदर छपे बचपन को नह रोक पाए फर क्या चाहे तरणताल म तराक हो या देर रात बाल
क े साथ खेलना आप तीनो क बाल लीला देखने योग्य थी खासकर देसाइ सर का मकवाना सर को बाल देकर
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उलझाना या मकवाना सर का बार बार चालाक से बच नकलना, ी वासदानी सर को एक गभीर स्वाभाव से
बाहर नकलकर एक प्यारा सा गीत गाते हुये देखना एक रमणीय क्षण था।
यहा म एक और बात का उल्लेख क गा जब IT 2.0 क े प्र शक्षण क े ारान आप सभी क े साथ हम
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सा थया एक साथ प्र शक्षण प्राप्त करने का मौका मला,यहा मेने आप तीना को कक्षा म अपने जूते बाहर उतार
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कर अदर आते देखा शायद आपक े लये यह एक आम बात हो ले कन आप लोगा क यह सरल सी बात इस
सस्थान क े कड़े अनुशासन को प्रद शत करती ह।
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अपने अ तम पड़ाव म ी चोसला सर क े वाक्य क े अ तम म 'नह ' बोलना, ी मकवाना सर क े नयमा
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पर अ डग रहने क शक्षा और ी पा ा सर क े खेल प्रेम का उल्लेख क गा।
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यह उत्क ृ ष्ट प्र शक्षण क द्र आधी सदी से ना जाने एेसी कतनी "इद्रधनुषी" कह नया समेटे हुये ह, अत म
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सभी प्यारे सा थया को उज्जवल भ वष्य क कामना क े साथ दनाक 30.05.25 को डाक प्र शक्षण क द्र से वदा
लेने का समय आ गया।
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समस्त प्र शक्षका को उम्दा प्र शक्षण एव माग दश न हेतु साधु वाद
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आप सभी से भावनात्मक लगाओ हमेशा रहेगा सभी प्रशन्न रह प्रग त पथ पर अग्रसर रह , सपक म र हये
मेरे प्यारे सा थया ।
जीतेश पटेल
(उ.स. िन. बैतूल ) 25
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