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ई-प का डाक प्र शक्षण क े न्द्, वड़ोदरा
प्र शक्षण अनुभव : एक नइ दशा क ओर
प्र शक्षण अनुभव : एक नइ दशा क ओर
म, न खल राठौड़, डाक सहायक (नवरगपरा मख्य डाकघर, अहमदाबाद सटी डवीजन, गजरात
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प रमडल) न हाल ही म पी.टी.सी. वड़ोदरा म "प्रार भक प्र शक्षण" प्राप्त कया। यह मर लए कवल
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एक प्र शक्षण नह , ब ल्क जीवन का एक एसा अनभव रहा जसन मर दृ कोण को नइ दशा दी।
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म पहली बार पी.टी.सी. म 21/07/2025 को आया था, जब मझ "SBCO र शमट प्र शक्षण"
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क लए नद शत कया गया था, जसका प्र शक्षण काल 21/07/2025 स 02/08/2025 तक
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था। इस दौरान मझ सस्थान क वातावरण और अनशासन का अनभव हुआ। इसक तरत बाद, मन े
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"प्रार भक प्र शक्षण" म भाग लया, जो 04/08/2025 स 27/09/2025 तक आयो जत हुआ।
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यह प्र शक्षण मर सवाकाल का अत्यत महत्वपण चरण रहा।
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पी.टी.सी. का वातावरण अत्यन्त ही खशनमा था। चारा ओर पड़ा क ह रयाली फली हुइ थी। सबह-
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सबह प क्षया क चहचहाहट सनाइ दती थी और शहरा क शोर-शराब स दूर यह शात वातावरण मझ े
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शार रक और मान सक शा त प्रदान करता था। वास्तव म, यहा का वातावरण हम अध्ययन और
आत्म वकास क लए प्र रत करता था। शरुआत म सब कछ नया था, साथी भी अप र चत थ, और
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मन म हल्क चता भी थी। ल कन जस-जस दन बीत, अध्यापका क आत्मीयता, अनशासनपण
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वातावरण और सा थया का सहयोग दखकर यह स्थान प रवार सा लगन लगा।
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"प्रार भक प्र शक्षण" न मझ डाक वभाग क काय प्रणाली, तकनीक बदलाव और जनसवा क
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मह ा को गहराइ स समझाया। कक्षाआ म कवल स ा तक ान ही नह दया गया, ब ल्क अभ्यास
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सत्रा क माध्यम स वास्त वक प र स्थ तया का भी अनभव कराया गया। यहा क दनचया अनशासन
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और ऊजा स भर हुइ थी। प्रातः 6 बज शार रक प्र शक्षण दया जाता था, जसस शर र स्वस्थ और
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मन एकाग्र रहता था। प्रत्यक गरुवार को प्रक्षागह म चल चत्र प्रदश न होता था, जो मनोरजन और
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शक्षा दोना का साधन था। साथ ही, समय-समय पर सास्क तक काय क्रमा का आयोजन भी कया
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जाता था, जसम इ ु क प्र श भाग लत थ। इन काय क्रमा म सहभा गता कर हम अत्य धक आनद
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मलता था और आपसी मत्रता और भी प्रगाढ़ होती थी।
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यहा समय क पाबदी, अनशासन और नरतर सीखन क भावना न मझ व्य तगत जीवन म भी और
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अ धक जम्मदार बनाया। प्रत्यक व्याख्यान और समह चचा न मर आत्म व ास को बढ़ाया।
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मर लए सबस प्ररणादायी बात यह रही क यहा हम सब अलग-अलग स्थाना स आकर एक ही छत
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क नीच सीखत थ, वचार साझा करत थ और भ वष्य क जम्मदा रया क लए स्वय को तयार करत े
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इस पर अनभव न यह व ास दलाया क डाक वभाग कवल च या पहुचान तक सी मत नह ह,
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ब ल्क यह ड जटल भारत क यग म समाज को जोड़न वाली जीवन रखा ह।
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िनिखल राठोड
"हर सबक ने आत्म व ास को नखारा, डाक सहायक
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पी.टी.सी. ने जीवन का माग सवारा।" अहमदाबाद िसटी िडवीजन,
गुजरात प रमडल
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